!! भगवान गिरिधारी आरती !! , !! जय जय गिरिधारी प्रभु !! श्री कृष्ण जी की आर्तियां !!



!! भगवान गिरिधारी आरती !!










जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।

दानव-दल-बलहारी,

गो-द्विज-हितकारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




जय गोविन्द दयानिधि,

गोवर्धन-धारी।

वन्शीधर बनवारी

ब्रज-जन-प्रियकारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




गणिका-गीध-अजामिल

गजपति-भयहारी।

आरत-आरति-हारी,

जग-मन्गल-कारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




गोपालक, गोपेश्वर,

द्रौपदि-दुखदारी।

शबर-सुता-सुखकारी,

गौतम-तिय तारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




जन-प्रह्लाद-प्रमोदक,

नरहरि-तनु-धारी।

जन-मन-रञ्जनकारी,

दिति-सुत-सन्हारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




टिट्टिभ-सुत-सन्रक्षक

रक्षक मन्झारी।

पाण्डु-सुवन-शुभकारी

कौरव-मद-हारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




मन्मथ मन्मथ मोहन,

मुरली-रव-कारी।

वृन्दाविपिन-विहारी

यमुना-तट-चारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




अघ-बक-बकी

उधारक तृणावर्त-तारी।

बिधि-सुरपति-मदहारी,

कन्स-मुक्तिकारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




शेष, महेश, सरस्वति

गुन गावत हारी।

कल कीरति-बिस्तारी

भक्त-भीति-हारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।




नारायण शरणागत,

अति अघ, अघहारी।

पद-रज पावनकारी

चाहत चितहारी॥




जय जय गिरिधारी प्रभु,

जय जय गिरिधारी।

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